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| गुरु पूर्णिमा पर्व पर पूजा अर्चना करते भक्त |
टुडे इण्डिया प्लस/प्रभाकर त्रिपाठी
व्यास जयंती और गुरु पूर्णिमा दोनों एक हैं पं० उत्तम कुमार मिश्र (पूर्व चेयरमैन)
लखीमपुर -नगर पंचायत सिंगाही भेडौरा वार्ड नंबर 4 निवासी पं० उत्तम कुमार मिश्र पूर्व चेयरमैन ने बताया गुरु पूर्णिमा का महत्व जो कि एक जगह गुरु पूर्णिमा के उपलब्ध में श्री रामचरित मानस अखण्ड पाठ हो रहा था वहीं मिले और बताया कि गुरु पूर्णिमा व्यास जयंती के रूप में भी मनायी जाती है। इसमे शिष्य अपने गुरु को गुरू दक्षिणा के रूप में कुछ उपहार भेंट करता है।और गुरु का आशिर्वाद लेना है। यह पर्व व्यास जयंती के रूप में भी मनाई जाती हैं।
पं०बृजेन्द्र त्रिपाठी ने बताया गुरु पूर्णिमा का महत्व
गुरु पूर्णिमा पर्व और वेद व्यास जयंती एक ही है। इस पर्व में गुरु जो अपने शिष्य को अज्ञान से ज्ञान की ओर एवं अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है। और भगवान का भी साक्षातकार करता है।वह गुरु कहलाता है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है।इसी परंपरा को चलाने के लिए शिष्य अपने गुरु को आज गुरु पूर्णिमा के दिन कुछ उपहार देकर आशीर्वाद प्राप्त करता हैं।
पं०प्रभाकर त्रिपाठी ने बताया
आज आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा पर्व के दिन वेद व्यास जी का जन्म हुआ था। वेद व्यास महार्षि पराशर और माता सत्यवती के पुत्र थे। जिन्होंने वेद व्यास मानस जाति को पहली बार चार वेदों का ज्ञान दिया था। इस लिए इस गुरु पूर्णिमा को वेद व्यास जयंती भी कहते हैं। इस पूजन में हरिनाम,बाल गोविन्द, रमेश कुमार गुप्ता, विपिन मौर्य,राम प्रसाद गुप्ता, अवधेश कुमार आदि अनेक नगरवासी और सम्भ्रांत व्यक्ति भी उपस्थित रहे।

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