जनपद के अलग अलग हिस्सों में बड़ी शानो शौकत के साथ निकाला गया मोहर्रम का जुलूस
रजनीश कुमार पत्रकार टुडे इण्डिया प्लस
जनपद कौशांबी के करारी थाना क्षेत्र के बराई बंधवा गांव सहित इलाके में हर साल की तरह इस साल भी मोहर्रम का जलूस बड़े ही शानो शौकत के साथ निकाला गया है सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन भी मौजूद रहा यहा पर इमामे हुसैन की याद हर साल मोहर्रम के महीने में तकरीर कुरान खानी लंगर वा शरबत का एहतेमाम किया जाता है लोग अपने अपने घरों में कुरान ख्वानी आम लंगर करते है नवी और दसवीं का रोजा रखते है इमामे हुसैन और करबला वालो की याद में किया जाता है 10 मोहर्रम को हजरत इमामे हुसैन और उनके खानदान के छोटे छोटे बच्चे 6 माह के अली असगर 18 साल के जवान अली अकबर हजरत हूर हजरत अब्बास आलम बरदार हजरत ओनो मोहम्मद हजरत कासिम 72 नुफुसे कुदसी को यजीदो ने करबला में शहीद किया था 7 मोहर्रम से हजरत हुसैन के घर वालो पर पानी और खाना बंद किया गया और 10 मोहर्रम को शहीद किया गया है
इस्लाम की पूरी तारीख शहादत के मुतवालियों से भरी पड़ी है और यह दीन हम तक ना जाने कितनी शहादतें और कुर्बानियों के बाद पहुंचा है नवास ए रसूल सैयद ना हजरत हुसैन र. जैसा शहीद नहीं पैदा हो सकता के जिसने कर्बला के मैदान में भूखे प्यासे रह कर सजदे कि हालत में जाम ए शहादत नोश फरमाया अपने पूरे खानदान को कुर्बान कर दिया और उम्मत को यह पैगाम दे गए के जान जाती है तो जाए मगर नमाज कजा ना होने पाय अगर नमाज की माफी होती तो ऐसे हजरात की होती इसलिए जब तक जिस्म में जान रहे और बदन मे रूह रहे हमें नमाज नहीं छोड़नी है और यह सबक भी पढ़ा गए के जालिम के जुल्म के आगे डरना नहीं है बल के सब्र और हिम्मत से और शुजाअत वह बहादुरी से काम करना है हक का सच का साथ देना है झूठ और जुल्म से बचना है आज हमें अपने अंदर यही जज्बा पैदा करने की जरूरत है
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