*6 महीने बाद शव कब्र से निकालने की कोशिश, गीता देवी का शव नहीं मिला,10 फीट खुदाई के बावजूद खाली लौटी प्रशासनिक टीम, मायूस हुआ परिवार*





*अमन केसरवानी टुडे इंडिया प्लस कौशांबी ( 7007468543)*

गीता देवी की मौत का सच सामने लाने के लिए परिवार द्वारा किए गए प्रयासों को बड़ा झटका लगा है। गुरुवार को प्रशासनिक अनुमति और मजिस्ट्रेट की निगरानी में कब्र से शव निकालने की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन कई घंटे की मशक्कत और 10 फीट गड्ढा खोदने के बाद भी शव का कोई सुराग नहीं मिला। टीम को खाली हाथ लौटना पड़ा, और पीड़ित परिवार की उम्मीदें टूट गईं।

*क्या है मामला?*



मूल रूप से कौशांबी जनपद के पिपरी थाना क्षेत्र के मकदूमपुर गांव की रहने वाली गीता देवी की शादी 13 जून 2021 को प्रयागराज के नींवा गांव निवासी राहुल प्रकाश गौतम से हुई थी। 12 दिसंबर 2024 को गीता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। SRN मर्चरी प्रयागराज में चिकित्सीय पैनल द्वारा वीडियोग्राफी के साथ पोस्टमार्टम कराया गया, जिसमें मौत का कारण Septicemic shock due to infection in both lungs बताया गया।

हालांकि मृतका के पिता श्री ज्ञानचंद्र रैदास ने दहेज उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए 24 दिसंबर को थाना धूमनगंज, प्रयागराज में धारा 80/2/8 BNS व 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी। इसी के तहत उन्होंने पुनः पोस्टमार्टम की मांग की थी।

*प्रशासन ने दी थी अनुमति*





जिलाधिकारी प्रयागराज और पुलिस उपायुक्त के पत्रों के आधार पर, जिला मजिस्ट्रेट कौशांबी ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 196(4) के तहत शव निकालकर दोबारा पोस्टमार्टम कराने की अनुमति प्रदान की थी। गुरुवार को उप जिलाधिकारी चायल, पुलिस टीम और संबंधित विवेचक अधिकारी की मौजूदगी में ग्राम मैनापुर घाट, थाना पिपरी में कब्र खुदाई की गई।

*न मिला शव, न मिला जवाब*

करीब 10 फीट तक जेसीबी व मजदूरों की मदद से गड्ढा खोदा गया, लेकिन न तो शव मिला और न ही उसकी कोई पहचान योग्य वस्तु। अंधेरा होने तक प्रशासनिक टीम मौके पर डटी रही, लेकिन अंततः प्रयास विफल रहे। टीम को मायूस होकर लौटना पड़ा, वहीं मृतका का परिवार भी इस नतीजे से बेहद हताश और आहत नजर आया।

*परिजनों ने जताई चिंता*



मृतका के पिता श्री ज्ञानचंद्र रैदास ने इस स्थिति पर सवाल उठाते हुए कहा कि, "जब शव यहीं दफनाया गया था, तो अब यह गायब कैसे हो सकता है? यह किसी बड़ी लापरवाही या साजिश का संकेत देता है। हमें अब न्याय की उम्मीद और भी क्षीण लग रही है।"

*अब अगला कदम क्या होगा*

प्रशासनिक अधिकारी इस विफलता के बाद अगली रणनीति पर मंथन कर रहे हैं। संभावना है कि अब मामले की वैज्ञानिक व फॉरेंसिक जांच कराई जाए, या जमीन के सैंपल जांच के लिए भेजे जाएं। वहीं परिजन न्याय की गुहार लगाने के लिए अब उच्चाधिकारियों और न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में हैं।

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