*कौशांबी में बालू माफियाओं का खुला खेल: खनन बंद, फिर भी जारी है 'लाल सोने' की अवैध बिक्री,सूत्र*




*अमन केसरवानी टुडे इंडिया प्लस कौशांबी ( 7007468543)*

_जनपद कौशांबी के थाना सराय अकिल, पिपरी, चरवा, करारी, कौशांबी समेत तमाम थाना क्षेत्रों में यमुना घाटों पर बालू खनन प्रशासनिक आदेशों से बंद हो चुका है। बावजूद इसके, बालू माफियाओं ने पहले ही जेसीबी व पोकलैंड मशीनों से चौबीसों घंटे खनन कर जनपद के चारों ओर भारी मात्रा में बालू का अवैध भंडारण कर रखा है। अब यही बालू, ‘लाल सोने’ के रूप में सोने के दाम पर बेचा जा रहा है — वो भी बिना किसी वैध अनुमति या माप-तौल के।_

*खनन बंद, लेकिन घाट से 2-3 किमी दूरी पर अवैध भंडारण*

_सूत्रों के अनुसार, कई घाट मालिकों ने यमुना घाट से महज दो से तीन किलोमीटर की दूरी पर ही ऊँची-ऊँची बालू की पहाड़ियाँ खड़ी कर दी हैं। इन भंडारण स्थलों से अब खदान के प्रपत्र M-11 (रावन्ना) के माध्यम से अवैध रूप से बालू की बिक्री शुरू हो चुकी है। जबकि अब तक जिले में किसी भी व्यापारी को इस भंडारित बालू के लिए प्रपत्र 'C' रावन्ना जारी नहीं किया गया है।_

*बिना माप-तौल, बिना अनुमति — धड़ल्ले से जारी व्यापार*

_मामले में गंभीरता इस बात से और बढ़ जाती है कि यह सारा कारोबार बिना किसी आधिकारिक माप-तौल या प्रशासनिक अनुमति के किया जा रहा है। कुछ व्यापारी केवल कागजों पर सीमित मात्रा के भंडारण का लाइसेंस दिखाकर अधिकारियों को गुमराह कर रहे हैं, जबकि मौके पर भंडारण की वास्तविक मात्रा लाइसेंस से कई गुना अधिक है।_

*चोरी-छिपे बेचा जा रहा सीज किया गया बालू भी*

_सूत्रों से यह भी पता चला है कि कुछ स्थानों पर जहां प्रशासन द्वारा बालू के भंडारण को सीज किया गया था, वहां से भी बालू चोरी-छिपे निकाला और बेचा जा रहा है। अधिकारी भले ही कार्रवाई दिखा रहे हों, लेकिन माफिया उन्हीं की आंखों में धूल झोंक कर खुलेआम अवैध धंधा चला रहे हैं।_

*राजस्व की हो रही बड़ी क्षति, जनता हो रही लूट की शिकार*

_इस पूरे खेल से न केवल शासन को भारी राजस्व हानि हो रही है, बल्कि आम जनता और निर्माण कार्य से जुड़े व्यापारी भी लूट का शिकार हो रहे हैं। ‘लाल सोने’ की तरह ऊंचे दामों पर बेची जा रही यह बालू निर्माण लागत को कई गुना बढ़ा रही है।_

*जांच टीम गठित कर सघन कार्रवाई की मांग*

_जागरूक नागरिकों और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि तत्काल उच्चस्तरीय जांच टीम गठित की जाए, जो न केवल बालू भंडारण स्थलों की भौतिक जांच करे, बल्कि नकली वैधताओं के नाम पर चल रहे इस संगठित माफिया नेटवर्क पर सख्त कार्रवाई करे।_

*प्रशासन की अग्नि परीक्षा शुरू*

_अब निगाहें जिला प्रशासन पर टिकी हैं कि वह इस खुलेआम हो रहे अवैध कारोबार और लूट के खिलाफ क्या कदम उठाता है। यदि समय रहते ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो न केवल शासन को करोड़ों की क्षति होगी, बल्कि प्रशासन की साख पर भी सवालिया निशान लग जाएगा।_

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